Saturday, 17 November 2018

चीनी का दमदार विकल्प स्टेविया .... great option to sugar



चीनी का दमदार विकल्प स्टेविया

 स्टेविया क्या है ?

जैसे हम आम तौर पर गन्ना से बनि चीनी खाते हैं। लेकिन स्टेविया से भी चीनी बनाइ जाती है। और विशेष रूप से, इससे बनाई गई चीनी शून्य कैलोरी होती है।
स्टेविया मूल रूप से  दक्षिण अमेरिका से आइ हुइ हर्बल पोधा है। और इसकी बहुत प्यारी पत्तियों का उपयोग सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। स्टेविया ग्लाइकोसाइड्स, मुख्य रूप से स्टेवियोसाइड्स और रेबाइडसाइड, इसकी मिठास के लिए सक्रिय यौगिक हैं। स्टेविया ने हाल ही में प्रमुखता प्राप्त की है। चीनी की तुलना में यह 100% से 300% अधिक मीठा है। इसका शरीर के उपर नकारात्मक दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, जैसे कि सामान्य चिनि, मधुमेह वाला व्यक्ति नहीं खा सकता है।


भारत में स्टेविया पौधों की उच्च गुणवत्ता वाली संशोधित किस्में: - भारत में बने स्टेविया की दो प्रसिद्ध किस्में हैं, जो कम ख्याल मै जादा उत्पादकता प्रदान करती है। ये भारतीय वातावरण और मिट्टी में ठीक से बढ़ती हैं। MDS-14 और MDS-13 ये संशोधित किस्में है।

स्टेविया खेति के लिए आवश्यक हवामान:- स्टेविया को सालाना 150 सेमी बारिश की आवश्यकता होती है, और इसकी अच्छी वृद्धि के लिए औसत तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से 32 डिग्री सेल्सियस अच्छा माना जाता है। 45 डिग्री सेल्सियस से जादा और 5 डिग्री सेल्सियस से कम का तापमान इस खेति के लिये नुसकानदेह है।

स्टेविया खेती के लिए मृदा आवश्यकता: - स्टेविया पौधों को अच्छी सूखि, समृद्ध, लाल और रेतीले मिट्टी की आवश्यकता होती है, जिसमें स्टेविया वृद्धि बेहतर होती है। इसकी उत्कृष्ट वृद्धि और उपज के लिए मिट्टी का पीएच 6.0 से 7.5 तक होना अच्छा माना जाता है। यदि खराब मिट्टी में अच्छा कार्बनिक पदार्थ और सूक्ष्म पोषक तत्व लागू होते हैं तो स्टेविया कि उपज अच्छी हो सकति है।

स्टेविया खेती के लिये जमिन तैयार करना,फ़सल के बिच का अंतर, पौधे लगाने का समय:- ट्रक्टर या बैल कि मदत से खेत अच्छी तरह तैयार करे। खेति जितनी खरपतवार मुक्त हो उतना अच्छा है। ताकि बाद मै अधिक निराई कि परेशानी ना हो। बेड की ऊंचाई 12 से 15 सेमी और चौड़ाई 50 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। रो-टू-रो फासला 40 से 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे का फासला 30 सेमी तक होना चाहिए। एक एकड़ मै 20,000 से 25,000 तक पोधे बैठने है। पौधे लगाने का सबसे अच्छा काल फरवरी और मार्च है।

स्टेविया प्लांट में उर्वरकों(ख़त) का उपयोग: - स्टेविया कम नाइट्रोजन सामग्री के साथ उर्वरकों को बेहतर प्रतिक्रिया देता है। नाइट्रोजन की क्रमिक रिलीज के कारण, कार्बनिक उर्वरकों के लिए बेहतर है। अच्छी फसल उपज प्राप्त करने के लिए, एफवाईएम, वर्मी कंपोस्ट, गाय गोबर / गाय मूत्र लाभकारी होगा। स्टेविया फसल की उच्च उपज के लिए एनपीके 28: 113: 113 किलो / हेक्टेयर उर्वरक की सिफारिश की जाती है।

स्टेविया के फ़सल के लिये सिचाई :-पारंपरिक विधि या ड्रिप / माइक्रो सिंचाई(mini sprinkler) संयंत्र का उपयोग कच्छा होगा। हालांकि, ड्रिप प्रणाली या सूक्ष्म सिंचन प्रणाली का उपयोग करके स्टेविया फसल के लिए सिंचाई करना अच्छा होता है। गर्मियों मै माइक्रो सिंचाई(mini sprinkler)  में सिंचाई  से फायदा होता है। सर्दियों या बरसात के मौसम के दौरान, इस फसल को हमेशा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। मिट्टी में अत्यधिक आर्द्रता से बचें, यह विकास के लिए अनुकूल नहीं है।

स्टेविया खेती में खरपतवार और किट नियंत्रण: - स्टेविया फसल में आमतौर पर कीट और बीमारियां नहीं होती हैं। अगर कीट या बीमारी दिखे, तो नीम अर्क स्प्रे करने से फायदा होता है। स्टेविया के फूलों को बढ़ने न दें, और दिखे तो तुरंत निकल दे। सप्ताहांत पर खरपतवार नियमित रूप से निकला जाना चाहिए।

स्टेविया कि कटाई:- आम तौर पर स्टेविया पौधे 40 से 60 सेमी 4 से 5 महीने मै विकसित हो जाते है। उसके बाद, हर तिन महीनो बाद काटी जा सकती है, तिन सालो तक ! स्टेविया की कटाई फुल आने से पहले कि जनि चाहिए, क्योंकि उस समय इसकी पत्तियो में जादा मिटास होती है पौधे को अधिकतम 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर काटा जा सकता है।

स्टेविया प्लांट से पत्तियों की उपज: - 2500 से 2700 किलो सूखे स्टेविया पत्तियां प्रति एकड़ मै उपलब्ध होती हैं।
कटाई के बाद, स्टेविया के पोधों की शाखाओं को छाया में 2 दिनों तक सूखाया जाना चाहिए। सूखे स्टेविया पत्तियों को अलग करके, प्लास्टिक के बैग का पैक करे।

                       स्टेविया से स्वास्थ्य को होने वाले लाभ


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